जीवन में कुछ असंभव नहीं है।
आज के हम इस पोस्ट में जानने बाले है कि हम किसी चीज को अगर पिरे मन से चाहे तो उसे हासिल करने में कोई ताक़त नहीं रौनक़ सकती और हम आपको यह बताने बाले है कि जीवन में कुछ असंभव नहीं है (zeevan me kuch vhi ashambhaw nahi hai) हमारे अंदर वह ताकत है जिसे हम हर असंभव चीज को संभव बना सकते है किसी भी परिस्तिथ में ख़ुद को तैयार रख सकते है , तो चलिए जानते है उसी के कुछ रोचक तत्यों के बारे में ।
इंसान अगर मन में ठानी है अगर कुछ करने की तो उसके लिए जीवन में कोई भी चीज असंभव नहीं है,कर्म करो पर फल की चिंता मत करो सफलता तो मिलनी है अगर लग्न सफलता को पाने की है, तुम जो चाहो वही होगा लेकिन लाख कठनाइया आए जीवन में हारो मत भागो मत,बस अपना दिल और दिमाग केंद्रित रखो अपने लक्ष्य की और फिर जो मन में सपना है उसको पूरा होने से कोई ताकत नहीं रोक सकती सारी बुराइयों को खत्म कर के अपने अंदर अच्छी आदत लाए और जीवन में कुछ करने का एक संकल्प ले हम जिस रास्ते को अपनाया है बस उस रास्ते को कैसे पार करना है और हम अपने आप में कैसे बदलाव ला सकते है, ओ कहते है ना की सपने और ख्वाब जितने बड़े होते है , परेशानियां उतनी ही बड़ी होती है, तकलीफ जितनी भी हो पर कामयाबी जिस दिन मिलेगी तो उसका मिजाज कुछ अलग ही होगा | ठानी हुई चीज और बदलाव के लिए दिया गाया समार्पण कभी बेकार नहीं जाता sharan शब्दों में समझाया जाता हूँ jeevan में हर उस चीज़ का मूल्य है जिसे हम असम्भव समझते है वास्तव में असंभव शब्द होता ही नहीं अब जो अगर करने की इच्छा रखता है उसके लिए हर वो चीज़ sambhav है उसको करना चाहता है ।
अपने अंदर उस जुनून को पैदा करो जिसके लिए बने हो ,मिजाज कुछ ऐसा लाओ की सफलता को आवाजे शोरो से उजागर हो जाए ।
अपने मन से असंभव शब्द निकल दे इस विचार को मन के पास आने ही न दे दुनिया में हर चीज संभव है, और हम जब अपने अंदर को क्षमता को पहचान लेंगे तो रास्ते अपने आप बनते चले जाते है और मंजिल पास आती चली जाती है। मैंने उन चीजो का अनुभव किया है कि आप अपने जीवन को बदलने के लिए किन रस्तों पर चलना आपके लिये सही है हर किसी को अपने जीवन से लगाव और तनाव अलग अलग होते है और हर किसी में समानता नहीं होती है कोई ब्यक्ति अपने आप को किस प्रकार से देख रहा है यह उस ब्यक्ति पर निर्भर करता है और उसे वह अपना के किन चीजो में परिबर्तन ला सकता है यह सबकिच उसी पर डिपेंड होता है ।
असम्भव को कैसे संभव करे : आप यदि जीवन में जिस लक्ष्य का पीछा कर रहे है और उसे पाने में यदि आपको समय लग रहा है तो उस समय में आपको धीरज रखने की ज़रूरत है उससे आपको हताश नहीं होना है आप अपनी मेहनत पर विस्वास रखे और लगातार अपने लक्ष्य का पीछा करते रहे निश्चित ही आपको सफलता मिलनी है ,यदि आप अपने आप से हार नहीं मानते तो दुनिया की कोई भी ताक़त आपको सफल होने से नहीं रोक सकती है । इम्पॉसिबल सब्द आप को अपने मन से निकल फेंकना है और मन में हमेशा अच्छे विचार रखने है ।हमें तीन रात लगातार प्रयासरत न बनना चाहिए और अपने सफलता के पीछे भागते रहना चाहिए,इससे हमें लाभार्थी बने रहेंगे अपने मार्ग के लिए ।
परिस्तिथ: आप की परिस्तिथ कैसी भी हो आप को हार कभी नहीं मानना चाहिए बिपरित परिस्तिथ में भी आपको डाँटे रहना है यही जीवन के उदेस्यों को पूरा करने में हमारी मदद करता है जितना आप अपने आप से भागेंगे उतना आप का लक्ष्य दूर होते चला जाएगा हर कठिन अवस्तयों में भी आपको प्रयासरत्न रहना है और ख़ुद को मज़बूती प्रदान करने के लिए लड़ना है ।हर परिस्थिति में अपने आप को एक ढाल ke Roop में प्रस्तुत करना चाहिए फिर वो chai par विपरीत हो या आपके पच्छ में हो
स्वार्थ की भावना ना रखे: आपको निजी स्वार्थ की भावना नहीं रखना है यदि आप ऐसा करते है तो सफलता कभी नहीं मिल पाएगी असंभव को संभव करने के लिए जीवन के हर उस पड़ाव को पार करना है जो आपके जीवन के लिए उपयोगी है वह ब्याक्ति कभी सफल नहीं हुआ जिसको अपना निजी स्वार्थ दिखा है सफल होने के किए आपको एक ग्रुप बना कर काम करने की ज़रूरत होती है ।स्वार्थ के पीछे भागने वाले कभी क़ामयाब नहीं हो सकेंगे क्योंकी स्वार्थ ke पीछे दुनिया भागती है आप कामयाबी ke पीछे भागिए ना ।
प्रेणादायक: जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है यह जीवन का सबसे बड़ा सत्य और प्रेमदायक रोचक तथ्य है जिसको कभी झुठलाया नहीं जा सकता है हेम हर सिमयाओ को तोड़कर आगे की और बड़ते रहना चाहिए तथा ऐसी कोसिश करना चाहिए जिसका स्रोथ हमेशा सफलता तक ले जाती हो , असंभव को sambhav बनाने ke लिए हमें दिन-रात कड़ी मेहनत ,संघर्ष और आत्मविश्वास की अवस्यकता होती है । इसी को apna परिणाम मंजर अपने लिए लड़ते रहना और उसने आगे की बढ़ते रहना हमारा कर्तब्य बनता है
अपनी शक्ति को पहचाने : मनुष्य अपने आंतरिक और भित्रिक शक्ति को पहचान नहीं पता है किनसमे कौन से गुण विद्यमान् है तथा वो अपने सपनों का उपयोग किस प्रकार से कर सकता है अपने गुणों को कैसे परिभाषित कर सकता है मनुष्य के अंदर ऐसी अदभुत ऊर्जा होती है जिसकी बदौलत वह किसी भी परीबेश को बदलने की क्षमता रखता है बस उसका आत्मविश्वास नहीं डगमगाना चाहिए वह हर शक्ति को कंट्रोल कर सकता है ।
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